शब्दों का मकान
Saturday, 15 April 2017
याद नहीं रहता
तुम्हे भूल जाना चाहता हूँ
मगर याद नही रहता
भूलूँ भी तो किसे,
जिसे मै भूल जाना चाहता हूँ
या जिसे मैं याद करना नहीं चाहता
भूल जाने की इसी कश्मकश में
तुम्हें भूल जाना मुझे याद नहीं रहता
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